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धरातल के रूझान तो मतगणना के दिन की पता चलेंगे। लेकिन समाजवादी पार्टी के बड़े नेता पूरी तरह आश्वस्त हैं कि सरकार इस बार उन्हीं की ही बनेगी। इसी को लेकर समाजवादी पार्टी वरिष्ठ और कदावर नेता प्रो. रामगोपाल यादव से डॉ. रमेश ठाकुर की विस्तृत बातचीत।
यूपी में तीसरे राउंड की वोटिंग खत्म होने के साथ ही समाजवादी पार्टी को लगने लगा है कि हवा उनके पक्ष में है। हालांकि भाजपा भी दावे कमोबेश कुछ ऐसा ही कर रही है। लेकिन धरातल के रूझान तो मतगणना के दिन की पता चलेंगे। लेकिन समाजवादी पार्टी के बड़े नेता पूरी तरह आश्वस्त हैं कि सरकार इस बार उन्हीं की ही बनेगी। क्यों लगता है उन्हें ऐसा, इसी को लेकर समाजवादी पार्टी वरिष्ठ और कदावर नेता प्रो. रामगोपाल यादव से डॉ. रमेश ठाकुर की विस्तृत बातचीत। पेश हैं बातचीत के मुख्य हिस्से।
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प्रश्नः तीसरा चरण सिमट चुका है, किस स्थिति में पाते हैं समाजवादी पार्टी को आप?
वोटिंग के दिन मतदान बूथ से निकलने वाले हर दूसरे मतदाता से आप पूछेंगे तो आपको जवाब आसानी से मिल जाएगा। जवाब होगा साइकिल। दरअसल, साइकिल इस बार बदलाव का वाहक मानी जा रही है। झूठ, ठोंग, फरेब, चाल फेरी, दगाबाजी आदि छद्म प्रचारों से प्रदेश की जनता आजिज आ चुकी है। अब इनसे छुटकारा पाती है जिसकी शुरुआत जनता ने पहले चरण से ही वोट के चोट के जरिए कर दी है। भाजपा प्रदेश से अपना अब समय रहते बोरी बिस्तर समेट ले।
प्रश्नः भाजपा भी आश्वस्त है कि सरकार उनकी ही रिपीट होगी?
ये लोग झूठ बोलने और झूठा प्रचार करने में पीएचडी किए हुए हैं। माहिर हैं दुष्प्रचार फैलाने में। उनके आईटी सेल के लोग यही तो करते हैं रात-दिन। पश्चिम बंगाल में क्या हुआ, सबने देखा। वहां भी मक्कारी से चुनाव जीतने में लगे थे, लेकिन बंगालियों ने खदेड़ा कर दिया। उत्तर प्रदेश की ही नहीं, समूचे हिंदुस्तान की जनता इनसे वाकिफ हो चुकी है। बुनियादी मुद्दों से उनका कोई वास्ता नहीं होता। बिलावजह के मसले, जिन्ना, अब्बाजान, और हिंदू-मुस्लिम करते रहते हैं। महंगाई सर्वाधिक ऊंचाई पर जिस पर ये लोग जरा भी नहीं बोलते। 2017 में जो खाने की दाल 50 रुपए की बिकती थी, वो 200-250 रूपए प्रति किलो बिक रही हैं। 400 रुपए का सिलेंडर हजार पार कर गया है। 60 का पेट्रोल 100 हो गया है। इसका इनके पास कोई हिसाब नहीं है।
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प्रश्नः फ्री के राशन वितरण को भाजपा अपनी बड़ी उपल्बिधी मान रही है?
ये उनकी जिम्मेदारी है जिसे कोरोना संकट में इनको करना था। मेरी समझ में नहीं आता ये कितने बेशर्म लोग हैं। अपनी जिम्मेदारी को कोई भला उपलब्धि कैसे कह सकता है। जो राशन फ्री में दिया जा रहा है, वह जनता का ही तो है। लोगों के टैक्स का हिस्सा है। ये लोग अपने घरों से राशन लाकर तो बांट नहीं रहे। कोरोना महामारी में तो सब लोग घरों में घुसे हुए थे। चुनाव में जनता इन्हें अच्छे से सबक सिखाएगी।
प्रश्नः सरकार तो कहती है महामारी में उन्होंने अच्छा काम किया है?
गंगा में बहती हजारों की संख्या में लावारिस लाशों का हिसाब क्या ये लोग देंगे? ऑक्सीजन से मरे हजारों लोगों के परिवारजनों को जवाब देंगे ये लोग। इन्हें सिर्फ झूठ का प्रोपेगेंडा फैलाना आता है और कुछ नहीं? किसान, व्यापारी, छात्र, नौकरीपेशा जिस कदर परेशान है, इससे पहले कभी नहीं हुए। गन्ने का भुगतान इन्होंने 14 दिनों में करने को कहा था, आज तक नहीं किया। इनसे जो नौकरी मांगता है उन्हें डंडों से पीटते हैं।
प्रश्नः अगले दस वर्ष में आप भाजपा को कहां देखते हैं?
दस साल तो बहुत दूर की बात हैं, एकाध वर्षों के अंतराल में ही भाजपा का हाल कांग्रेस से भी ज्यादा बुरा होने वाला है। इनकी पार्टी के नेता भी दूसरी पार्टियों में दौड़ते दिखाई देंगे। भाजपा को मोदी-शाह की जोड़ी खत्म कर देगी। अलट-आड़बाडी की भाजपा तो कबकी खत्म हो चुकी है। पार्टी का मकसद अब समाज सेवा करना नहीं रहा, व्यापार बना डाला है।
– डॉ. रमेश ठाकुर
सदस्य, राष्ट्रीय जन सहयोग एवं बाल विकास संस्थान (NIPCCD), भारत सरकार
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