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हमारी पार्टी नैतिकता को ज्यादा तवज्जो देती है। पार्टी में अनुशासन रूपी लोकतांत्रिक व्यवस्था स्थापित है। हम समाज के हित वाले क्षेत्रों में कार्य करने में ज्यादा विश्वास रखते हैं। पद-प्रतिष्ठा की कोई चाह नहीं रखता। पार्टी में छोटे-बड़े सभी फैसले सामूहिक तौर पर होते हैं।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश का सियासी माहौल आजादी से अब तक हुए चुनावों से बिल्कुल अलग है। किसान आंदोलन के बाद भाजपा की स्थिति वहां खराब हुई है। इस क्षेत्र में ही जन्मी आरएलडी पार्टी उस बिगड़े माहौल का फायदा उठाना चाहती है। आरएलडी इस बार समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन करके मैदान में है। उम्मीदवार घोषित हो चुके हैं। चुनाव का पहला चरण भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश से ही आरंभ होगा। इन्हीं तमाम मसलों पर डॉ. रमेश ठाकुर ने आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी से चुनावी चर्चाएं कीं। पेश हैं बातचीत के मुख्य हिस्से-
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प्रश्नः किसान आंदोलन से पश्चिमी यूपी में बिगड़े सियासी गणित का फायदा क्या आपकी पार्टी को होगा?
उत्तर- हमने सदैव जनहित की राजनीति की है, उन मुद्दों को उठाया है जो आमजन से वास्ता रखते हैं। लेकिन भाजपा ने यहां ध्रुवीकरण का ऐसा माहौल पैदा किया जिससे जनता उनकी बातों में आकर बह गई, पर अब उनको पता चल गया है कि 2017 में उनके साथ कितना बड़ा छल हुआ था, विश्वासघात हुआ था। किसानों से सफेद झूठ बोला गया था जिसका जवाब जनता इस बार चुनाव में उन्हें ब्याज सहित देगी।
प्रश्नः पश्चिमी इलाका गन्ना बाहुल्य क्षेत्र माना जाता है, सरकार को लगता है उन्होंने गन्ने का मूल्य बढ़ाकर किसानों को खुश किया है?
उत्तर- भाजपाईयों का एक बड़ा झूठ आज भी यहां के किसानों के कानों में गूंजता है। पिछले चुनाव में यहां प्रधानमंत्री ने एक बड़ी रैली की थी जिसमें उन्होंने 14 दिन में गन्ना किसानों का भुगतान करने का वादा किया था। क्या उन्होंने अपना वादा पूरा किया। नहीं ना? यही वजह है वह इस क्षेत्र में आते नहीं। वह क्या उनका कोई दूसरा नेता भी यहां आने की हिम्मत नहीं करता। भाजपा अपने कर्मों से जा रही है। ये बात उनको भी पता है।
प्रश्नः आपकी पार्टी कितनी सीटें जीतेगी इस बार?
उत्तर- सभी की सभी। गठबंधन में जितनी भी सीटें हमारे हिस्से आई हैं, वे सभी हम जीत रहे हैं। इसके अलावा प्रचंड़ बहुमत के साथ सपा-गठबंधन के पूरे प्रदेश में उम्मीदवार विजयी होंगे। पूरे पश्चिमी यूपी में भाजपा का खाता तक नहीं खुलेगा, उनके उम्मीदवारों की जमानतें तक जब्त होंगी। उनका मौजूदा कोई विधायक चुनाव भी लड़ना नहीं चाहता। भाजपा के प्रति वोटरों में भयंकर रोष है।
प्रश्नः सरकार बनती है तो क्या आप सरकार का हिस्सा होंगे?
उत्तर- देखिए, हमारी पार्टी नैतिकता को ज्यादा तवज्जो देती है। पार्टी में अनुशासन रूपी लोकतांत्रिक व्यवस्था स्थापित है। हम समाज के हित वाले क्षेत्रों में कार्य करने में ज्यादा विश्वास रखते हैं। पद-प्रतिष्ठा की कोई चाह नहीं रखता। पार्टी में छोटे-बड़े सभी फैसले सामूहिक तौर पर होते हैं। नेता और संगठन के सदस्य आपस में मिल-बैठकर चीजें तय करते हैं। फिलहाल अभी हमारा फोकस चुनाव जीतने पर है। जीत के बाद जो उचित होगा, उस पर विचार किया जाएगा। इस बारे में हम अभी कुछ नहीं सोच रहे।
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प्रश्नः अखिलेश यादव कह चुके हैं कि उप-मुख्यमंत्री की उनकी सरकार में पोस्ट नहीं होगी?
उत्तर- इतनी दूर तक जब हम नहीं सोच रहे तो आप क्यों बिना वजह परेशान हैं। अखिलेश यादव समझदार और पढ़े लिखे इंसान हैं, सरकार चलाने का अनुभव है उनके पास। इसलिए शायद उनको उप-मुख्यमंत्री की जरूरत पड़ेगी ही नहीं? ये सवाल अगर आप मौजूदा सरकार में दो-दो उप-मुख्यमंत्रियों को ध्यान में रखकर पूछ रहे हैं तो मैं आपको बता दूं, बाबा पर नजर रखने के लिए दिल्ली से यह फैसला हुआ था। बाबा पर दिल्ली से कड़ी नजर रखी जाती है, ये बात तो सभी को पता ही है। पर, हमारी सरकार में ऐसा नहीं होगा। गठबंधन की सरकार स्वतंत्र रूप से काम करेगी।
प्रश्नः कुछ महीनों पहले आप कांग्रेस से गठबंधन करना चाहते थे?
उत्तर- हमें उस दल के साथ जाना था जो वास्तव में समाज का हित चाहता हो। समाजवादी पार्टी ही मात्र ऐसी पार्टी है जो यूपी का भला कर सकती है। हम बीते सात सालों से विपक्ष में बैठकर समाज की लड़ाई लड़ रहे हैं, जनता का प्यार हमारे साथ है। जनता ने भाजपा, कांग्रेस व बसपा को नकार दिया है। उत्तर प्रदेश के साथ भाजपा ने जो किया है उसे जनता माफ़ नहीं करेगी। महंगाई, कानून-व्यवस्था, रोजगार आदि जरूरी मुद्दों पर वह विफल हुई है। फर्जी राष्ट्रवाद का गुणगान किया गया।
-डॉ. रमेश ठाकुर
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