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यूपी में योगी-अखिलेश के बीच काँटे की टक्कर, प्रियंका का भी बढ़ा आत्मविश्वास

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यूपी में योगी-अखिलेश के बीच काँटे की टक्कर, प्रियंका का भी बढ़ा आत्मविश्वास

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उत्तर प्रदेश के शामली जिले के कैराना पहुंचे केंद्रीय गृह व सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि यही कैराना है, जहां पलायन होता था, लेकिन अब पलायन कराने वाले खुद पलायन कर गए हैं। उन्होंने कहा कि 2014 के बाद वह पहली बार कैराना आये हैं, कोविड के कारण घर-घर जाकर संपर्क किया।

पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों में आरोप-प्रत्यारोप का दौर लगातार जारी है। टिकट बंटवारे की भी शुरुआत हो चुकी है। राजनीतिक दल अपने-अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर रहे हैं। इन सबके बीच चुनाव प्रचार भी शुरू हो गया है। प्रभासाक्षी के खास कार्यक्रम चाय पर समीक्षा में भी हमने इसी बात पर चर्चा की। कोविड-19 प्रोटोकॉल के पालन के साथ-साथ हमने उत्तर प्रदेश की राजनीति की वर्तमान परिस्थिति पर चर्चा की। सबसे पहला सवाल तो हमने प्रभासाक्षी के संपादक नीरज कुमार दुबे से यही पूछा कि क्या उत्तर प्रदेश में कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है? क्या चुनाव आयोग की ओर से जो रोड शो और रैलियों पर पाबंदी लगाई गई है उसको पालन किया जा रहा है? इसको लेकर नीरज दुबे ने साफ तौर पर कहा कि प्रत्यक्ष तौर पर देखें तो नेताओं की बड़ी चुनावी रैली या रोड शो तो नहीं हो रही है लेकिन दो टू डोर कैंपेन में भीड़ दिखाई दे रही है। इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी कहा कि नेता जब नामांकन के लिए जा रहे हैं तो उनके साथ लोगों का हुजूम देखने को मिल रहा है जो कहीं ना कहीं प्रोटोकॉल का उल्लंघन है।

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इसके बाद से हमने नीरज दुबे से उत्तर प्रदेश की वर्तमान राजनीतिक हालात पर चर्चा की। हमने यही सवाल किया कि जिस तरीके से भाजपा और समाजवादी पार्टी के बीच जुबानी जंग जारी है उससे किस तरह की परिस्थितियां फिलहाल राज्य में दिखाई दे रही है? नीरज दुबे ने साफ तौर पर कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अपने-अपने समीकरणों को साधने के लिए दोनों ही दलों की ओर से जी तोड़ मेहनत की जा रही है। भाजपा की ओर से जहां पलायन और तुष्टीकरण का मुद्दा उठाया जा रहा है और समाजवादी पार्टी पर गुंडे और माफियाओं को टिकट देने का आरोप लगाया जा रहा है तो वहीं समाजवादी पार्टी और आरएलडी गठबंधन की ओर से भी एक खास वर्ग के लोगों को टिकट दिया जा रहा है। नीरज दुबे ने इस बात को भी स्वीकार किया कि आज से दो-तीन महीने पहले किसान आंदोलन को लेकर जो पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भाजपा के खिलाफ नाराजगी थी वह दिखाई नहीं दे रही है। कहीं ना कहीं भाजपा के लिए यह सकारात्मक संकेत हैं।

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की दावेदारी पर भी हमने बात की। प्रियंका गांधी की ओर से मुख्यमंत्री के चेहरे के दावेदार के रूप में खुद को प्रस्तुत करने को लेकर भी हमने नीरज दुबे से सवाल किया। इस पर नीरज दुबे ने साफ तौर पर कहा कि कहीं न कहीं कांग्रेस ने फिर साबित कर दिया कि वहां परिवारवाद हावी है। उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर से कांग्रेस ने अपने परिवार के ही चेहरे को आगे किया है। जब नीरज दुबे हमने पूछा कि अगर उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का प्रदर्शन उम्मीद के अनुरूप नहीं होता है तो क्या प्रियंका गांधी के पॉलिटिकल करियर के लिए इसे झटका माना जाएगा? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जाहिर सी बात है कि अगर उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का प्रदर्शन ठीक नहीं रहता है तो प्रियंका गांधी को लेकर जो बातें कही जाती थी वह धरी की धरी रह जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस का नाराज जी-23 खेमा एक बार फिर से गांधी परिवार पर हमलावर हो सकता है। उन्होंने कहा कि प्रियंका गांधी जब उत्तर प्रदेश की महासचिव थीं तब उनके भाई को अपने गढ़ अमेठी से चुनाव हारना पड़ा था।

उत्तर प्रदेश में 3 बड़े नेताओं के अपने-अपने गढ़ से चुनाव लड़ने को लेकर भी हमने नीरज दुबे से सवाल किया। हमने पूछा कि  बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान ममता बनर्जी ने अपना पारंपरिक सीट छोड़कर नंदीग्राम से चुनाव लड़ने का जो ऐलान किया था और उसके बाद उन्हें जो हार मिली, क्या उसके बाद से अब बड़े नेता अपने मजबूत क्षेत्र में ही चुनाव लड़ने पर मजबूर हो रहे हैं? इसके जवाब में नीरज दुबे ने कहा कि यह कारण तो हो ही सकता है। लेकिन साथ ही साथ उत्तर प्रदेश एक बड़ा प्रदेश है ऐसे में बड़े नेताओं पर प्रचार के ज्यादा जिम्मेदारी होती है। इसलिए ज्यादातर नेता अपने मजबूत क्षेत्र से ही चुनाव लड़ना चाहते हैं ताकि उन्हें अपने विधानसभा सीट के लिए बहुत ज्यादा समय नहीं देना पड़ेगा। 

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दूसरी ओर, उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा ने अपना प्रचार तेज कर दिया है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह खुद प्रचार करने के लिए मैदान में उतर गये हैं तो शुक्रवार से भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में डेरा डाले हुए हैं और लगातार प्रचार कर रहे हैं तथा संगठनात्मक बैठकें कर रहे हैं। वहीं विधानसभा चुनावों में प्रचार के लिए भाजपा ने आज सुबह 403 प्रचार वाहनों को रवाना किया। यह प्रचार वाहन राज्य की सभी विधानसभा सीटों पर जाकर प्रदेश सरकार की उपलब्धियां बताएंगे। लखनऊ में पार्टी कार्यालय में आयोजित एक समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने चुनावी अभियान रथ को झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 के पहले प्रदेश में व्यापारी और अन्य लोग पलायन करते थे, लेकिन 2017 के बाद अपराधी पलायन कर रहे हैं। 

सपा की सरकार बनी तो आईटी क्षेत्र में 22 लाख युवाओं को देंगे रोजगार: अखिलेश

समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने वादा किया कि उत्तर प्रदेश में पार्टी की सरकार बनने पर राज्य के 22 लाख युवाओं को आईटी क्षेत्र में रोजगार दिया जाएगा। सपा महासचिव प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने अखिलेश यादव के मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की अधिकृत घोषणा की। अखिलेश यादव ने राज्य के 22 लाख युवाओं को आईटी क्षेत्र में रोजगार देने को लेकर घोषणा यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में की। अखिलेश यादव ने कहा कि वर्ष 2022 में बाइसिकल का नारा साकार करने के लिए सपा आज संकल्प लेती है। आईटी सेक्टर में 22 लाख युवाओं को नौकरी देने का संकल्प लेते हैं, इसके लिए सरकार काम करेगी। जो सरकार 18 लाख लैपटॉप दे सकती है, वो सरकार इस दिशा में देर नहीं लगाएगी। यह नौकरी आईटी सेक्टर वालों को मिलेगी। उन्होंने कहा कि जो समाजवादी पार्टी 18 लाख लैपटॉप बांट सकती है उसको 22 लाख रोजगार आईटी के क्षेत्र में देने में समय नहीं लगेगा। आईटी सेक्टर के लिए पहला संकल्प हैं कि 22 लाख युवाओं को इस क्षेत्र में रोजगार दिया जाएगा।

अब पलायन कराने वाले खुद पलायन कर गए हैं: अमित शाह

उत्तर प्रदेश के शामली जिले के कैराना पहुंचे केंद्रीय गृह व सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि यही कैराना है, जहां पलायन होता था, लेकिन अब पलायन कराने वाले खुद पलायन कर गए हैं। उन्होंने कहा कि 2014 के बाद वह पहली बार कैराना आये हैं, कोविड के कारण घर-घर जाकर संपर्क किया। शाह के मुताबिक, इस दौरान पलायन पीड़ित परिवार ने उनसे कहा कि अब हमें कोई डर नहीं हैं, हम शांति के साथ व्यापार कर रहे हैं, हमें पलायन कराने वाले पलायन कर गये हैं। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विकास की गति को तेज किया है। पूरे देश में विकास की लहर दिखाई देती है। हर गरीब को सुविधाएं दी जा रही हैं। शाह ने कहा कि वर्ष 2014 में नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार बनने व 2017 में प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्‍व में सरकार बनने पर समग्र विकास हुआ है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज मैं कैराना में पलायन पीड़ित मित्तल परिवार के साथ बैठा, परिवार के 11 लोग मौजूद थे। वे सभी पहले पलायन कर गए थे और अब यहां दोबारा आकर सुरक्षित माहौल में अपना व्यापार कर रहे हैं।

– अंकित सिंह

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