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अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बताया कि रूस के पीछे हटने का कोई संकेत नहीं मिल रहा है, इसकी बजाय और सैनिक यूक्रेन की सीमा पर एकत्रित हो रहे हैं, जिससे पता चलता है कि मास्को कभी भी हमला कर सकता है।
रूस और यूक्रेन के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। दोनों देशों ने एक-दूसरे पर गोलीबारी का आरोप लगाए है। इसी बीच अमेरिका ने सबसे विस्तृत चेतावनी जारी करते हुए पश्चिमी देशों को सतर्क किया है। अमेरिका ने कहा कि क्रेमलिन कोई बहाना बनाकर यूरोप में एक नया युद्ध छेड़ सकता है।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बताया कि रूस के पीछे हटने का कोई संकेत नहीं मिल रहा है, इसकी बजाय और सैनिक यूक्रेन की सीमा पर एकत्रित हो रहे हैं, जिससे पता चलता है कि मास्को कभी भी हमला कर सकता है। बाइडेन ने व्हाइट हाउस में बताया कि हमारे पास इसकी पूरी जानकारी है कि वे यूक्रेन पर हमला करने वाले हैं।
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उन्होंने कहा कि अमेरिका के पास यह मानने के पर्याप्त कारण हैं रूस युद्ध शुरू करने के लिए कोई भी बहाना बना सकता है। पश्चिमी देशों को आशंका है कि रूस के 1,50,000 सैनिक यूक्रेन की सीमा पर तैनात हैं। क्रेमलिन का दावा है कि उसकी आक्रमण की कोई योजना नहीं है।
वहीं ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने एक मैप जारी करते हुए अहम खुलासा किया है और बताया कि रूस आखिरकार किस तरह से यूक्रेन पर बिना भी चेतावनी के हमला कर सकता है। लात्विया के रक्षा मंत्री और उप प्रधानमंत्री आर्टीज पाबरिक्स ने एक नक्शा ट्वीट किया। जिसके माध्यम से उन्होंने कहा कि रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया है।
संकट का हों शांतिपूर्ण समाधान
रूस-यूक्रेन में बढ़ते तनाव के बीच भारत ने शांतिपूर्ण समाधान की बात की। उन्होंने कहा कि इस समय शांतिपूर्ण और रचनात्मक कूटनीति की जरूरत है और वह इस मामले में सभी संबंधित पक्षों के संपर्क में है। इसके साथ ही भारत ने रेखांकित किया कि यूक्रेन में 20,000 से अधिक भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना उसकी सर्वोच्च प्राथमिकता है।
रूस की अध्यक्षता में यूक्रेन की स्थिति पर हुई संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की एक महत्वपूर्ण बैठक में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि नई दिल्ली की रुचि एक ऐसा समाधान खोजने में है, जिसके जरिए तनाव में तत्काल कमी लाई जा सके। टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत सभी संबंधित पक्षों के संपर्क में है। हमारा विचार है कि इस मुद्दे को केवल कूटनीतिक बातचीत से ही सुलझाया जा सकता है।
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उन्होंने कहा कि भारत की रुचि एक ऐसा समाधान खोजने में है, जो सभी देशों के वैध सुरक्षा हितों को ध्यान में रखते हुए तनाव को तत्काल कम कर सके और इसका उद्देश्य क्षेत्र और उसके बाहर दीर्घकालिक शांति और स्थिरता हासिल करना हो।
गोल्डन वीजा व्यवस्था समाप्त
रूस-ब्रिटेन संकट के बीच ब्रिटेन ने गोल्डन वीजा व्यवस्था समाप्त कर दिया। ब्रिटेन सरकार ने कहा कि सुरक्षा चिंताओं के बीच अमीर विदेशी निवेशकों को निवास की पेशकश करने वाली तथाकथित गोल्डन वीजा व्यवस्था को वह समाप्त कर रहा है। गौरतलब है कि ब्रिटेन पर लगातार रूस के साथ अपने संबंधों की समीक्षा करने का दबाव बन रहा था। ब्रिटेन के गृह मंत्रालय ने कहा कि टियर-1 निवेशक वीजा व्यवस्था ने भ्रष्ट अमीर लोगों को ब्रिटेन में पहुंच के अवसर प्रदान किए हैं।
– अनुराग गुप्ता
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