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डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। पंजाब लोक कांग्रेस के अध्यक्ष कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बुधवार को कहा कि राज्य को सुरक्षा और आर्थिक पुनरुद्धार के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार की जरूरत है। उन्होंने अपने भतीजे के कब्जे से 10 करोड़ रुपये की जब्ती के बाद भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों के बावजूद चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में नामित करने के कांग्रेस पार्टी के फैसले की भी आलोचना की। यहां जिला बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए, दो बार के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि भारत को चीन-पाकिस्तान-तालिबान गठजोड़ से गंभीर सुरक्षा चुनौतियों का सामना करना पड़ा।
उन्होंने कहा, पंजाब के लिए 600 किलोमीटर लंबी सीमा के साथ सबसे आगे रहने की चुनौती अधिक होगी। हमें एक ऐसी सरकार की जरूरत है, जो सुरक्षा चुनौती को गंभीरता से ले और केंद्र सरकार के साथ घनिष्ठ समन्वय में काम करे। उन्होंने सीमा के इस तरफ हथियारों, ड्रग्स और नकली मुद्रा की तस्करी के लिए पाकिस्तान द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे अत्यधिक परिष्कृत ड्रोन का विवरण दिया। उन्होंने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के संचालन क्षेत्राधिकार के विस्तार के लिए मूर्खतापूर्ण विरोध के लिए मुख्यमंत्री चन्नी की आलोचना की।
राज्य के मौजूदा आर्थिक हालात का जिक्र करते हुए अमरिंदर सिंह ने कहा कि जहां पंजाब की जीडीपी 5.25 लाख करोड़ रुपये थी, उसमें से 70 फीसदी उधार लिया गया था। उन्होंने कहा कि इस कर्ज के जाल से बाहर आना एक विनम्र कार्य है, जो केंद्र सरकार के सहयोग और समर्थन के बिना संभव नहीं है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार कम से कम सात साल और रहने वाली है। उन्होंने कहा, पंजाब में हमारी सरकार होनी चाहिए जो उनके साथ काम करेगी, क्योंकि यही एकमात्र रास्ता है।
कैप्टन अमरिंदर की नवेली पंजाब लोक कांग्रेस (पीएलसी) भाजपा और अकाली दल के बागी शिअद (संयुक्त) के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही है। वह अपने गढ़ पटियाला (शहरी) से चुनाव लड़ रहे हैं, जिस सीट पर उन्होंने 2002 से लगातार चार बार जीत हासिल की है, जब उन्होंने पहली बार चुनाव लड़ा था। 2017 में, 80 वर्षीय कैप्टन अमरिंदर ने आम आदमी पार्टी के निकटतम प्रतिद्वंद्वी बलबीर सिंह के खिलाफ 72,217 वोट हासिल किए, जिन्हें सिर्फ 19,852 मिले। शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के उम्मीदवार और पूर्व सेना प्रमुख जनरल जे.जे. सिंह (सेवानिवृत्त) को सिर्फ 11,613 वोट मिले। जनरल सिंह अब बीजेपी के साथ हैं। बता दें कि पंजाब की 117 विधानसभा सीटों के लिए 20 फरवरी को मतदान होना है।
(आईएएनएस)
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