[ad_1]
देश और दुनिया में कोरोना महामारी का सबसे ज्यादा असर शिक्षा के क्षेत्र पर पड़ा है। इस समस्या के बीच उच्च शिक्षा से जुड़े छात्रों को कैसे रूबरू कराया जाए। इसको लेकर मोदी सरकार ने लॉन्ग टर्म योजना तैयार की है। केंद्र सरकार ने इसके लिए डिजिटल यूनिवर्सिटी बनाने की योजना तैयार की है।
व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी के बारे में तो आप सभी जानते हैं। यह एक वर्चुअल वर्ल्ड है, जहाँ पर लोग एक अलग ही लेवल की पढ़ाई पढ़ रहे है, वहां पर पढ़ाने के लिए कोई डिग्री की आवश्यकता नही होती, कोई भी किसी को पढ़ा सकता है, वहां एडमीशन लेने के लिए बस एक ही शर्त है कि आपके पास एक ऐसा फोन होना चाहिए जिसमें व्हाट्सएप चलता हो। इस यूनिवर्सिटी ने न जाने हर साल कितने लोगों को किसी भी विषय का महाज्ञानी बना दिया। इसने फेक ज्ञान के जरिये डिजिटल एजुकेशन का नजाक बनाकर रख दिया। ऐसे में अब देश में पहली सरकारी डिजिटल यूनिवर्सिटी खुलने जा रही है। देश और दुनिया में कोरोना महामारी का सबसे ज्यादा असर शिक्षा के क्षेत्र पर पड़ा है। इस समस्या के बीच उच्च शिक्षा से जुड़े छात्रों को कैसे रूबरू कराया जाए। इसको लेकर मोदी सरकार ने लॉन्ग टर्म योजना तैयार की है। केंद्र सरकार ने इसके लिए डिजिटल यूनिवर्सिटी बनाने की योजना तैयार की है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2022 में डिजिटल यूनिवर्सिटी के गठन का ऐलान किया है। डिजिटल यूनिवर्सिटी के गठन का ऐलान करते हुए सीतारमण ने कहा कि इसका निर्माण हब एंड स्पोक मॉडल के आधार पर किया जाएगा। ऐसे में आपको बताते हैं कि आखिर क्या होती है डिजिटल यूनिवर्सिटी, क्या हैं इसके फायदे, छात्रों को इससे कैसे लाभ पहुंचाया जाएगा, देश और दुनिया में कहां हैं डिजिटल यूनिवर्सिटी?
इसे भी पढ़ें: चीन, पाकिस्तान से लेकर पेगासस तक राहुल ने सरकार को घेरा, कहा- देश में बना दो हिन्दुस्तान
क्या होती है डिजिटल यूनिवर्सिटी?
ये एक ऐसी यूनिवर्सिटी होती है जो छात्रों को कई तरह के कोर्स और डिग्रियों की पढ़ाई पूरी तरह ऑनलाइन तरीके से कराती है। डिजिटल यूनिवर्सिटी एक डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और ट्रेनिंग उपलब्ध कराने के लिए देश की अन्य केंद्रीय यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर काम करेगी। वित्त मंत्री ने ये साफ नहीं किया है कि डिजिटल यूनिवर्सिटी में किस तरह के कोर्स पढ़ाए जाएंगे। माना जा रहा है कि इसमें टेक्नलॉजी समेत कई कोर्स की ऑनलाइन पढ़ाई कराई जा सकेगी। इसका सबसे ज्यादा फायदा ये होगा कि देश के दूर दराज क्षेत्रों में मौजूद छात्रों को भी वर्ल्ड क्लास शिक्षा मिल पाएगी। डिजिटल यूनिवर्सिटी में देश की टॉप यूनिवर्सिटी को जोड़ने की योजना है। इससे छात्रों को एक ही प्लेटफॉर्म के जरिये कई टॉप यूनिवर्सिटी के कोर्स करने का मौका मिल जाएगा। इस यूनिवर्सिटी से किसी भी छात्र को किसी शहर में गए बिना अपने घर बैठे ही उस शहर की टॉप यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करने का सपना पूरा होगा।
डिजिटल विश्वविद्यालय क्यों स्थापित किया जा रहा है?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अनुसार देश में बच्चे कोविड -19 के कारण स्कूलों में नहीं जा पाए हैं। सीतारमण ने कहा कि स्कूलों के महामारी की वजह से बंद होने के कारण, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति और अन्य कमजोर वर्गों के बच्चों ने लगभग दो साल की औपचारिक शिक्षा खो दी है। उन्होंने यह भी कहा कि अधिकांश प्रभावित बच्चे सरकारी स्कूलों से थे और केंद्र पूरक शिक्षण प्रदान करने और शिक्षा वितरण के लिए एक लचीला तंत्र बनाने की आवश्यकता को चिन्हित करता है।
इसे भी पढ़ें: Parliament Diary। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा, मैरिटल रेप का भी उठा मुद्दा
क्या हैं इसके फायदे
डिजिटल यूनिवर्सिटी में कैंपस होता है। जहां टीचर्स स्टाफ होते हैं। इस कैंपस के जरिये ही अलग-अलग जगहों पर मौजूद छात्रों को अलग-अलग कोर्स की ऑनलाइन शिक्षा उपलब्ध कराई जाएगी। देश में पहले डिजिटल यूनिवर्सिटी केरल के टेक्नोसिटी में फरवरी 2021 में ही खुल गई थी। इसकी स्थापना दो दशक पुराने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेन टेक्नॉलजी एंड मैनेजमेंट केरल को अपग्रेड करके की गई। केरल की ये यूनिवर्सिटी पोस्ट ग्रैजुएट प्रोग्राम और कई तरह के डिजिटल टेक्नलॉजी के क्षेत्रों में रिसर्च कोर्स उपलब्ध कराती है। वहीं देश की दूसरी डिजिटल यूनिवर्सिटी की स्थापना राजस्थान के जोधपुर में की जा रही है।
इसे भी पढ़ें: कोविड के बाद नयी विश्व व्यवस्था की संभावना, भारतीय अर्थव्यवस्था में निरंतर विस्तार जारी : PM मोदी
छात्रों को इससे कैसे लाभ
सीधे शब्दों में कहे तो हब एंड स्पोक मॉडल का मतलब है कि आपने एक मैसेज क्रिएट किया और फिर उसे एक ही बार में अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर शेयर किया। इसमें मैसेज हब हुआ और प्लेटफॉर्म स्पोक। यूनिवर्सिटी में पाठ्यक्रम विभिन्न भारतीय भाषाओं और आईसीटी प्रारूपों में उपलब्ध कराया जाएगा। इससे सभी राज्य कक्षा 1 से 12 तक क्षेत्रीय भाषाओं में पूरक शिक्षा प्रदान करने में सक्षम होंगे। देश की सर्वश्रेष्ठ प्राइवेट यूनिवर्सिटी एक हब और स्पोक नेटवर्क के रूप में इससे कोलैबोरेट करेंगे।
देश और दुनिया में कहां हैं
दुनिया में कई यूनिवर्सिटी डिजिटल प्रोग्राम डिग्रीयां उपलब्ध करा रही हैं। हालांकि दुनिया में पूरी तरह डिजिटल यूनिवर्सिटी के तौर पर काम करने वाली कोई भी यूनिवर्सिटी नहीं है। लेकिन कई टॉप यूनिवर्सिटी हैं जो पूरी तरह से कई ऑनलाइन कोर्सज कराती हैं। लेकिन ये यूनिवर्सिटी ऑफलाइन शिक्षा यानी कैंपस में पढ़ाई के साथ-साथ ऑनलाइन कोर्स भी कराती हैं।
डिजिटल यूनिवर्सिटी में कौन-कौन से कोर्स ऑफर किए जा रहे हैं?
स्कूल ऑफ कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग
स्कूल ऑफ डिजीटल साइंस, स्कूल ऑफ इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम
स्कूल ऑफ इंफार्मेटिक
स्कूल ऑफ डिजिटल ह्यूमैनिटी
लिबरल आर्ट, कवरिंग साइंस, टेक्नॉ लजी एंड ह्यूमैनिटी
-अभिनय आकाश
[ad_2]
Source link