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डिजिटल डेस्क, लखनऊ। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश चुनाव के लिए 125 प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी कर दी है। इसमें 40 फीसदी यानी 50 महिलाओं को टिकट दिया गया है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के नारे लड़की हूं लड़ सकती हूं की तर्ज पर कांग्रेस ने महिलाओं को प्रत्याशी बनाया है। कांग्रेस पीड़ित परिवारों से टिकट देने में फर्स्ट प्राथमिकता महिला को रख रही है, यदि परिवार से महिला टिकट चुनाव नहीं लड़ना चाहती तो फिर उसके बाद पुरूष या उनके करीबी रिश्तेदारों को टिकट देने कांग्रेस की रणनीति।
प्रियंका गांधी ने पीसी में कहा 125 उम्मीदवारों की पहली सूची में 50 महिलाएं हैं। गांधी का कहना है कि कांग्रेस की कोशिश है कि पूरे प्रदेश में राजनीति की नई पहल करते हुए चुनावी मैदान में संघर्षशील प्रत्याशी हों। कांग्रेस की कोशिश है कि यूपी की राजनीति को एक नई दिशा दी जाए । प्रियंका की पहली लिस्ट में महिला पत्रकार से लेकर अभिनेत्री और संघर्षशील महिलाएं हैं, जिन्होंने कांग्रेस में रहते हुए संघर्ष किया है। उन्होंने कहा पार्टी ने जीतने और लड़ने की क्षमता देखकर महिला उम्मीदवारों को चुना है। आज यूपी में तानाशाही सरकार है। हमारी कोशिश मुद्दों को केंद्र में लाने की है।
उन्नाव के बाद हाथरस की बारी
कांग्रेस ने उन्नाव रेप केस की विक्टिम की मां आशा सिंह को प्रत्याशी घोषित किया है, आपको बता दें 2017 में उन्नाव की बांगरमऊ सीट से भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर पर एक नाबालिग लड़की ने अपहरण और बलात्कार का मामला दर्ज करवाया था। बाद में उनके रिश्तेदारों पर दुर्घटना करने का भी मामला भी दर्ज हुआ, इस हादसे में दो लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में योगी सरकार की जमकर आलोचना हुई। आलोचना के बाद सेंगर की विधायकी खत्म कर दी गई थी। अब कयास लगाए जा रहे है कि हाथरस गैंगरेप पीड़िता के परिवार से भी किसी को टिकट देने की अटकलें तेज हो गई है। 403 सीटों वाले यूपी में विधानसभा चुनाव सात चरणों में संपन्नन होगा और नतीजे 10 मार्च के आएंगे।
सूत्रोंं के मुताबिक कांग्रेस पीड़ित परिवार की महिलाओं की ऐसी सूची तैयार कर रही है, जिन्हें कांग्रेस प्रत्याशी बना सकें। सूत्रों के मुताबिक योगी सरकार में बेइज्जती, रेप और प्रताड़ना की शिकार हुई महिलाओं की सूची बनाई जा रही हैं। इस रणनीति से प्रियंका गांधी ने ये साफ कर दिया है कि जिन पीड़ित परिवार से कांग्रेस नेता या खुद वो मिलने की कोशिश करती रहीं उन्हें सिर्फ राजनीतिक शगूफा बनाकर छोड़ने के मूड में वो नहीं हैं।
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